सर्दी का उल्लास
किट- किट करती सर्दी में भी,
फूलों का मुस्काना देखो ,
कैसा मौसम कैसी वायु,
इन रंग मस्ताना देखो।
अबर इन्हें देख खुश होता,
पंछी भी उड़ान में हंसता,
बादल झूम झूम कर कहता,
फूलों का इठलाना देखो,
क्यारी में ये रंग -बिरंगे,
सूरज का संग पाकर चंगे,
जब तितली छूकर जाती है ,
फूलों का लहराना देखो।
चींटी भी तन पर चढ जाती,
लेकिन इनको कुढन न होती,
भौंरा भी मंडराता इन पर,
इनका प्यार लुटाना देखो।
सूख गये तो धरे हवाले,
माटी इनको खूब संभाले,
मिट्टी मे मिलकर के फिर से,
जीवन को पा जाना देखो।
फूलों का मुसकाना देखो।