सर्दी आई
दाँत बजाती सर्दी आई
अच्छी लगने लगी रजाई
सफेद चादर कोहरे ने भी
धरती को चहुँ ओर उड़ाई
कोट पुलोवर मफलर टोपी
धूप सुनहरी मन को भाई
गज़क रेबड़ी मेवा सबने
बाजारों में धूम मचाई
बर्फ की तरह ठंडा ठंडा
पानी से डर लगता भाई
हीटर गीजर और अँगीठी
घर घर जलती पड़ी दिखाई
हुआ वही बीमार ‘अर्चना’
जिसने भी ये सर्दी खाई
28-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता