सर्जिकल स्ट्राइक
आज हमारे जाँबाज़ों ने,दुश्मन को ललकारा है।
एक कोस घुटनों पे चलकर, ट्रेनिंग कैंप उजाड़ा है।।
भाड़े के टट्टुओं को मारा,आह भी नहीं निकल पाई।
गीदड़ भभकी देने वालों, अब है तुम्हारी शामत आई।।
रौद्र रूप से बच न सकोगे,हमने ही घुसकर मारा है।
जम्मू कश्मीर भारत का भाल है,कभी विलग नहीं हो सकता।
जब तक रगों में लहू शेष है,दुश्मन कहीं नहीं टिक सकता।।
जिसने कुदृष्टि हम पर डाली, हमने सदा दुत्कारा है।
औरों के घर आग लगाते,खुद का घर नहीं संभलता है।
नफरत के बीज बोने वाले, तू लुका छिपी क्यों करता है।।
हर करनी का सबक सिखाएंगे,ज़न-ज़न का एक ही नारा है।
हिंसा,नफरत नापसंद हमें,धैर्य को बुज़दिली मत समझो।गर तुमने भृकुटी तिरछी की,अपने को बर्बाद तुरत समझो।।
पी ओ के हमारा पहले से,अब सिंध,बलूच हमारा है।
परमाणु की धौंस न दो हमको,यह कोई बच्चों का खेल नहीं।
घुटनों पर चलते बच्चे हो,देश दुनिया से कोई मेल नहीं।।
भूलकर भी तुमने गर हमें छेड़ा,समझो खात्मा तुम्हारा है।