सरहद
हम हैं जवान रक्षक देश के, अडिग जानो हमारा अहद,
प्रबल चेतावनी समझो इसे, भूलकर पार करना न सरहद |
अत्याचार किया अबतक तुमने, हमने भी सहन किया बेहद,
सर्जिकल का नमूना तो देखा, अब तो पहचानो अपनी हद |
मानकर तुम्हे पडोसी हमने, दिया तुम्हे समुचित मान ,
उदारता को तुम कमजोरी समझे, हमारी शक्ति का नहीं ज्ञान |
याद करो इकहत्तर की लड़ाई, बांग्ला देश हुआ था तब आज़ाद,
अब लड़ोगे तो जायगा बलूच हाथ से, तुम हो जाओगे बर्बाद |
लड़ाई की धमकी देतो हो किन्तु, अंजाम का कुछ नहीं है ज्ञान,
नक़्शे पर कहीं नहीं होगा तब, पाकिस्तान का नामो निशान |
सोचो, बदल जाय माली अगर, कब्जे वाले पश्चिम काश्मीर का
क्या होगा अंजाम तब , पाक पोषित घृणित आतंक का ?
भोले भाले नौजवान आते, सजोये अपने सपनों की पालकी
पिलाकर जेहाद का भ्रमित विष, उन सबको बना देते हो आतंकी |
सरहद पार भारत में आकर वे जब करते हैं आतंकी उत्पात
अकाल मृत्यु सब करते हैं प्राप्त, होता परिवार पर उल्कापात |
सुनो, संभल जाओ, अभी समय है, बन जाओ अब थोड़ा अकल्मन्द
खड़े वीर जवान सरहद पर हमारे, अभेद्य, सुरक्षित है हमारी सरहद |
© कालीपद ‘प्रसाद’