सरहद सैनिक
भागो भागो ये दुशमनो।
खडे वीर हम प्रहरी बनकर। ।
छूने न देगे तुम्हे हम।
इस धरा की मिटटी तक।।
कदम हमारे डटे यहाँ। ।
पीछे कभी न हठे यहाॅ। ।
बढ न पाओ तुम बहाॅ।
भागो अब तुम छोड सरद।।
आये। हम मृत्यू बनकर।।
पटक पाॅव जमीन पर ।
रकत बहाये समीर तक। ।
शत्रु का सीना फाडकर नीर बहाये।।
प्यासी धरती मां की प्यास बुझाये। ।
दुशमनो हो तुम खबरदार।
आना न कभी इधर यार।।
लडना झगडना सीख चुके।
मृत्यू से लडकर जीत चुके।।
भारत माता की शान लेकर।
छीन न सके कोई प्राण देकर।।
मरते मरते दम तक लडे यहां।
विजय पराजय हो वहाॅ।।
बेटे तो हम कहे इसी के।
मातू भूमी की सेवा करते करते।।
कर चले विदा अपने तन को।
खूंखार लागे हम तो।
कापेगा अब सारा जंगल। ।
करेगे हम ऐसा दंगल।
भागो दुश्मन करके संकल।।
क्योकि खडे वीर हम करके संकल्प। ।