सरस्वती वंदना (भक्ति-गीत)
सरस्वती वंदना (भक्ति-गीत)
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वर दो हमें हे शारदा हो सर्वदा शुभ भावना
(1)
निष्काम हों सब कर्म अपने मन न अभिमानी बने
एक रुपया ईंट का कर अनुसरण दानी बने
छाए ह्रदय में लोकहित अनुराग का जादू घना
वर दो हमें हे शारदा हो सर्वदा शुभ भावना
(2)
जो मिले या न मिले संतुष्टि भाव प्रधान हो
समभाव हो यदि राह में काँटे मिलें या मान हो
जीवन हमारा माँ बने सात्विक सहज आराधना
वर दो हमें हे शारदा हो सर्वदा शुभ भावना
(3)
हम बनाएं वह जगत सबको सभी से प्यार हो
छोटे- बड़े का जन्म से धन से नहीं आधार हो
संसार एक कुटुंब हो अतिश्रेष्ठ जीवन साधना
वर दो हमें हे शारदा हो सर्वदा शुभ भावना
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97615451