सरकार हैं हम
वो कह रहे हैं, हम हमेशा सही रहेंगे,
आप पिट्टू हैं हमारे, वही रहेंगे,
बोझ कितना भी हो, पर अधिकार बस सांसों का है,
चीत्कार हो हर बार, ये हम नहीं सहेंगे ।
हम मुकद्दर लिख रहे हैं, ये शोर क्यों,
सरकार हैं तुम जानते, फिर जोर क्यों,
फिर सलामी चाहिए, लेकर रहेंगे।
वो कह रहे है, हम हमेशा सही रहेंगे।
लिखना पढ़ना क्यों सिखाया, जानते हो,
जो दिखाते हैं तुम्हें, वो मानते हो,
हम मदारी तुम बंदरों से क्या कहेंगे।
वो कह रहे है, हम हमेशा सही रहेंगे।
तेईस चौबीस पच्चीस छब्बीस, हो कोई सन,
हम सुनाएंगे तुम्हे , सदा ही जन जन मन,
रोजगार व्यापार परिवार सब हम ही रहेंगे।
सरकार हैं तुम्हारी, हम सदा ही सही रहेंगे।
स्वकृति
प्रवीन शर्मा