Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2024 · 1 min read

सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,

सम्मान पाने के लिए सम्मान देना पड़ता है,
कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना पड़ता है,
वैसे भी इस बेतरतीब ज़िंदगी से क्या आसरा…
जहाॅं सच बचाने को झूठ के संग होना पड़ता है।

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 78 Views

You may also like these posts

प्रकृति
प्रकृति
Mangilal 713
..              हम जिस दौर में जी रहे हैं उसमें बिछड़ते वक़्त
.. हम जिस दौर में जी रहे हैं उसमें बिछड़ते वक़्त
पूर्वार्थ
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
चौकड़िया छंद के प्रमुख नियम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
फूलों के साथ महक का सच हैं।
फूलों के साथ महक का सच हैं।
Neeraj Agarwal
मेरा घर
मेरा घर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
Ravi Prakash
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
संशय ऐसा रक्तबीज है
संशय ऐसा रक्तबीज है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मया के खजाना हावय ग
मया के खजाना हावय ग
डिजेन्द्र कुर्रे
"समन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
4194💐 *पूर्णिका* 💐
4194💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
Vijay kumar Pandey
हर विषम से विषम परिस्थिति में भी शांत रहना सबसे अच्छा हथियार
हर विषम से विषम परिस्थिति में भी शांत रहना सबसे अच्छा हथियार
Ankita Patel
नव बहूँ
नव बहूँ
Dr. Vaishali Verma
अपनी नज़र में रक्खा
अपनी नज़र में रक्खा
Dr fauzia Naseem shad
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
हे गुरुवर !
हे गुरुवर !
Ghanshyam Poddar
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
Ravi Betulwala
चोपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
seema sharma
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
पंकज परिंदा
बिखरना
बिखरना
Dr.sima
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...