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30 May 2024 · 1 min read

सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)

बंधीं तटों से नाव तो, क्या लहरों से सम्बन्ध,
इनकी गाँठें खोल दो, हों ये भी तो कुछ उद्दण्ड ।

सर्दी कितनी भी बढ़े, गर्म रखो अहसास,
सर्दी गर्मी तय करे, क्या सम्बन्धों में ख़ास ।

जो जन समय निकाल ले, आपकी खातिर आज,
उसको कभी न भूलियो, उसको रखियो याद ।

जो विपत्ति में साथ दे, उसे नहीं बिसराओ,
काँधे से काँधा दो मिला, जब भी मौका पाओ।

(c)@ दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

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