सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
आपस के इस प्रेम को,कभी न करना मंद
कभी न करना मंद,तरसते रह जाओगे
नहीं किसी को पास, बुढ़ापे में पाओगे
कहे ‘अर्चना’ बात, बनो मत उन अन्धों में
करते हैं व्यापार, सदा जो सम्बन्धों में
डॉ अर्चना गुप्ता