समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
कहाँ तक सहूं दुनिया के तीर ओ ख़ंजर की चुभन ।
✍️नील रूहानी…
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
कहाँ तक सहूं दुनिया के तीर ओ ख़ंजर की चुभन ।
✍️नील रूहानी…