Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां

समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शांत रहता तो नमक उसके तली में बैठ जाता जिससे उसके खारेपन में कुछ कमी आती पर वह हमेशा खुद में नमक को घोलता रहता है।
Rj Anand Prajapati

180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
Rituraj shivem verma
F
F
*प्रणय*
#एकताको_अंकगणित
#एकताको_अंकगणित
NEWS AROUND (SAPTARI,PHAKIRA, NEPAL)
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
अन्याय के युग में जी रहे हैं हम सब,
अन्याय के युग में जी रहे हैं हम सब,
Ajit Kumar "Karn"
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
shabina. Naaz
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
Sunil Maheshwari
दीपावली
दीपावली
Dr Archana Gupta
वक़्त ने जिनकी
वक़्त ने जिनकी
Dr fauzia Naseem shad
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
चलो दोनों के पास अपना अपना मसला है,
चलो दोनों के पास अपना अपना मसला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में
मिट जाए हर फ़र्क जब अज़ल और हयात में
sushil sarna
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
Shweta Soni
उम्र न जाने किन गलियों से गुजरी कुछ ख़्वाब मुकम्मल हुए कुछ उन
उम्र न जाने किन गलियों से गुजरी कुछ ख़्वाब मुकम्मल हुए कुछ उन
पूर्वार्थ
2989.*पूर्णिका*
2989.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
एकांत
एकांत
Akshay patel
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
Sandeep Thakur
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
©️ दामिनी नारायण सिंह
ज़माना साथ होगा
ज़माना साथ होगा
Surinder blackpen
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
Loading...