समीक्षा- दिनांक-12-8-2021 राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
246वीं पटल समीक्षा दिनांक-12-8-2021
बिषय-हिंदी में “स्वतंत्र पद्य लेखन”
आज पटल पर हिंदी में *स्वतंत्र पद्य लेखन था। सभी साथियों ने शानदार रचनाएं पोस्ट की है ग़ज़ल, गीत, कविता, चौकडिया सहित कुछ नये छंदो का भी सृजन किया है। पठद पर आज राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति की रचनाएं अधिक रही ग़ज़लें भी खूब कही गयी है।आदि विभिन्न विद्याओं में रस वर्षा हुई है। अधिकांश साथियों ने बेहतरीन रचनाएं पटल पर रखी है बहुत सुंदर सृजन किया गया है। आज संख्या भी अच्छी रही 26, साथियों ने लिखा है।आज मन बहुत खुश है मैं शुरू से ही चाहता था कि रोज कम से कम 25-30 रचनाएं पोस्ट हो। आज हुई है।सभी साथियों को हार्दिक बधाई।
आज सबसे पहले पटल पर 1 श्री अशोक पटसारिया जी ने बिशुद्ध प्रेम पर केंद्रित रचना में प्रेम के अद्भुत उदाहरण दिये है, बहुत बढ़िया रचना लिखी है बधाई।
प्रेम शब्द में है नहीं,यह विशुद्ध अहसास
उतनी ही तड़पन बड़े, जितनी बढ़ती प्यास।।
*2-श्री प्रदीप खरे, मंजुल,जी टीकमगढ़ ने बारिश में प्रकृति का सुंदर दृश्य कविता में खींचा है। बधाई
बारिश की बूंदों से,खिला हर चमन है।
हरी भरी देह लिए,बृक्ष हर प्रसन्न है।।
3- श्री सरस कुमार, दोह, खरगापुर ने श्रृंगार रस में ग़ज़ल लिखते हुए राह में मिलने की आकांक्षा कर रहे है। अच्छी ग़ज़ल कही है। बधाई
फिर कही तुम राह में मिलना मुझे।
फिर मुहब्बत में जिऊँ कहना मुझे ।।
4- श्री मनोज कुमार,उत्तर प्रदेश गोंडा जिला से वीर रस में रचना के जोश प्रकट कर रहे है बधाई।
लहू से अपने लिख देंगे हम, हिंदुस्तान का नाम।
सारे जहां अब गूंज उठेगा, बस एक नाम।
5- श्री गोकुल यादव नन्हीं-टेहरी (बुडे़रा) ने बेहतरीन रचना लिखते हुए कह रहे है कि रे मन तू बागी मत होना। बहुत बढ़िया बधाई।
रे मन तू बागी मत होना।। कहते हैं सब ये कलियुग है,इस कलियुग में कौन सगा है।
कौन पराया पता नहीं कुछ,किसने किसको कहाँ ठगा है।।
6- श्री एस आर सरल,टीकमगढ ने खोटा सिक्का रचना में तंज कर रहे है।
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चतुर लोग उल्टे चश्मे से,काग को कोयल बता रहे हैं।
हम अपनी नादानी से ही,खोटा सिक्का चला रहे हैं।।
7- जनाब अनवर साहिल टीकमगढ़ बुंदेली ग़ज़ल लिखते है कि-
अब लौ बिंदी कजरा हो रये।कब सैं चोटी गजरा हो रये।।
आज के मौडन की का कैनै, बीस साल में डुकरा हो रये ।। बेहतरीन ग़ज़ल है अनवर भाई बधाई।
*8- श्री किशन तिवारी भोपाल- ने उमदा ग़ज़ल लिखी है अच्छे शेर कहे है बधाई।
सोचता है कुछ कहे कुछ और ही।
कितने अवसादों से भर जाता है वो ।।
वो इधर जाता उधर जाता कभी।
देखिये आगे किधर जाता है वो ।।
9-श्री संजीत गोयल,सिंकदरपुर बलिया उत्तरप्रदेश से मोहब्बत की तलाश में है प्रेम पर बढ़िया रचना है बधाई।
जमीन पर तो संभव ही नहीं
पर आशमा पर हम आ मिलेंगे।।
जो मोहब्ब्त की थी हम दोनों ने
हमारे बाद हमारे नाम लिया जायेंगे।।
*10- मीनू गुप्ता जी कहती हैं के आशा से आशमान टिका है हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए बढ़िया आशावादी रचना है बधाई।
कहते हैं आशा से आसमान टिका है उम्मीद की डोर से बंधे रहो
उम्मीद के समुद्र का कोई कहो तल व अंत होता है
11- राजीव नामदेव “राना लिधौरी”,टीकमगढ़ *ग़ज़ल में कह रहे है कुछ तो -वफ़ा का सिला दीजिए।
कुछ वफ़ा का सिला दीजिए।फिर कोई गुल खिला दीजिए।।
यकीं भी हो थोड़ा तुझे,हाथ अपना मिला लीजिए।।
12- श्री राजेन्द्र यादव “कुँवर” कनेरा बडा मलहरा वीर रस की बेहतरीन रचना पेश की है बहुत बढ़िया बधाई।
नजर झुके न कभी देश के आन मान सम्मान की।
हमें कसम हैं माँ भारती और वीरों के बलिदान की।।
13-डॉ रेणु श्रीवास्तव भोपाल जी लिखतीं है कि किलकारी एक बहुत बात्सल्य पूर्ण रचना पेश की है बधाई।
जब गूंजी घर में किलकारी्मिलीं स्वजन को खुशियाँ सारी।।
बेटी थी संतान रूप मेंजगदम्बा पावन स्वरूप में।
हर्षित मन की बगिया प्यारीमिली स्वजन को खुशियाँ सारी।।
14-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र..ने शानदार कुंडलिया.लिखी है बधाई
खडी़ समस्या देखकर, मन जाता है हार।
सदा ज्ञान की खड्ग से, ज्ञानी लेता मार।।
*15-श्री एस आर तिवारी, दद्दा,टीकमगढ़ ने मंहगाई पर केंद्रित सुंदर हाइकु लिखे है। बधाई ्
राम बचाय/मैंगाई खांये जाय/कीखौ सुनाय।।
गाड़ी लइ ती/बा हती तौ नई ती,/कबाड़ो बनी।।
16-नरेन्द्र श्रीवास्तव, गाडरवारा, म.प्र.बड़े भैया* का सुंदर सूक्ष्म चित्रण कर दिया है बहुत बढ़िया रचना लगी बधाई
माँ डाँटे,बापू डाँटे तब, प्यार जताते बड़े भैया।
गलती अपने सिर पर लेते, मुझे बचाते बड़े भैया।।
*17- श्री प्रदीप गर्ग पराग जी नई विधा माहिये छंद लिख रहे है सुंदर रचना है बधाई।
पूरब वालो तुम यूं
दौड़ रहे कब से
पश्चिम के पीछे क्यूं।
*18-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा से गीत,महाशृंगार छंद में प्रेम की बातें कर रहे हैं। बहुत खूब लिखा है बधाई।
सुनो ओ साजन मेरे मीत।
तुम्हारी मृदुल मनोहर गंध।प्रेम के पावन जीवन बंध।
तुम्हीं हो मेरी जीवन रेख।साँस आती है तुमको देख।।
19-श्री गुलाब सिंह यादव भाऊ लखौरा टीकमगढ़ ने देश की राजनीति पर बढ़िया रचना पेश की है बधाई।
राजनीति और राज कुछ अपना चाहते है।
नेता को नेता काँटा सा खल रहा है।।
पिस रही देश की जनता दौ पाटो के बीच।
एक दूजे का भाषण सब को छल रहा है।।
20 श्री अभिनन्दन कुमार गोइल, इंदौर* देशभक्ति की रचना में अमर तिरंगा प्यारा लहरा रहे है। बधाई।
देशभक्ति का है परिचायक,अमर तिरंगा प्यारा।
भारत की आत्मा का द्योतक, स्वाभिमान का नारा।।
21- श्री हरिराम तिवारी ‘हरि’खरगापुर ने मातृभूमि” पर बेहतरीन गीत लिखा है बधाई।
हे जन्मभूमि, हे मातृभूमि, हे जन गण मंगल दाता।
प्राणों से भी प्यारी हमको, अपनी भारत माता।।
माटी के कण-कण में मां की, दिव्य छटा मुस्काती।
कांटा चुभे लाल के पग में, मां की फटती छाती।
22- श्री राम बिहारी सक्सेना “राम”, खरगापुर से ईश्वर से सडकी विपत्ति हरने की प्रार्थना कर रहे हैं। अच्छी कामना है बधाई
हे हरि विपत सबहिं की टारो।
काल कोरोना उग्र रूप धर, कोटिहुं मानुष मारो।
सुत पति पिता मातु अरु भगिनी,जाया काया टारो।।
23- डां अनीता गोस्वामी जी भोपाल से शिव महिमा लिख रहीं हैं बहुत बढ़िया लिखी है बधाई।
*नमो नमो जय शिवा त्रिकाल- – – — हो मृत्युंजय तुम महाकाल- – – – – – – —
*भालचन्द्रमा शोभित अति सुंदर- – – “द्वितीयोनास्ति”ब्रह्मांड के अंदर- – –
*जटाओं में बांध लिया गंगाजल- — – नीलकण्ठ बन पिया हलाहल- – – – — –
24–श्री राजेश कुमार गुप्त ‘राज’ पन्ना (म.प्र.) ने अपनी कविता बनाने के लिए कह रहे है बहुत बढ़िया, बधाई।
है परीक्षा की घड़ी प्रश्नपत्र सभी बिगड़ रहे,
हम भी कुछ कर सकें आप हमें ऐसी संहिता बताएँ।
पद्य बहुत पढ़े हमने छंदों को भी छेड़ा है,
फिर सोचते हैं कैसे आपको अपनी कविता बनाएँ।
*25- श्री कल्याण दास साहू “पोषक” पृथ्वीपुर- से बरसात के मौसम पर लिखते हैं यह बिमारियों का मौसम है बचके रहना चाहिए। अच्छी रचना है बधाई
आता है बरसाती मौसम ,बीमारी भी लाता साथ ।
उल्टी दस्त जुखाम ज्वर कफ ,सर्दी खाँसी दुखता माथ ।।
26-कविता नेमा जी सिवनी से तिरंगे की शान में लिखतीं है- बहुत बढ़िया लिखा है बधाई।
लहर – लहर लहराए तिरंगा सारे जग से न्यारा है ।
तीन रंगों से सजा तिरंगा यह अभिमान हमारा है ।।
इस प्रकार से आज पटल पै 26 कवियों ने अपने अपने ढंग विभिन्न रसों और बिषय पर कविताएं पटल पर रखी सभी बहुत बढ़िया लगी, सभी रचनाकारों को बहुत बहुत धन्यवाद।
?*जय बुंदेली, जय बुन्देलखण्ड*?
समीक्षक- ✍️राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, टीकमगढ़ (मप्र)
*एडमिन- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़#