समाज
एक अच्छी सोच से ही
समाज को बदला जा सकता है
एक अच्छी सोच से ही
अपने अंदर के इंसान को जगाया जा सकता है
कोई कुछ करना चाहता है
पर कुछ कर नही पाता है
कोई कुछ बोलना चाहता है
पर अपनी आवाज बुलंद नही कर पाता है
दब कर खामोश हो जाती है
ऐसी आवाजे अक्सर भीड़ में
और मौके छूट जाते है हाथ से
समाज के बेहतर होने के
समाज के हाथ से
आपसी सामंजस्य और
सुझाव बहुत जरुरी है
समाज में हर किसी को अहमियत देना
ये सबसे ज्यादा जरूरी है
पता नही कब कौन
वक्त आने पर बेहतर हो सकता है
और शायद आपसे भी बेहतर कर सकता है
“मैं” को छोड़ना होगा
“हम” से समाज को जोड़ना होगा
तभी बेहतर ये हमारा समाज होगा
मानता हूँ की उम्र की अहमियत होती है
पर कभी कभी छोटो की बात में भी दम होती है
आपको ही देखकर सीखते है
परिपक्वता तो उनके परवरिस में होती है
युवतियों एवं महिलाओं से भी
सलाह ली जाये
ये उनका हक है
जितना हमारा है समाज
उतना ही उनका है
बस अब कोशिश ये करो
के भीड़ में कोई आवाज दब ना जाये
“धनराज” ने अपनी आवाज बुलंद रखी है
कोशिश करो आप भी
के आपकी आवाज समाज के काम आये
धनराज खत्री