समाज का प्रभाव
समाज में
चारों तरफ जो एक अंधकारमय, घुटन भरा और
दूषित वातावरण फैल रहा है
उसका प्रभाव अब
अच्छे और संस्कारी घर परिवारों पर भी
पड़ रहा है
वह भी इस दौड़ में शामिल हो
गये हैं
इसकी चपेट में आ गये हैं
इससे प्रभावित हैं
उलझन में है
इस दलदल में फंस चुके हैं
इस समाज का हिस्सा न बने
तो नकारे जाते हैं
एक कोने में डाल दिये जाते हैं
इसमें शामिल हो तो
समाज द्वारा स्वीकारे पर
परिवार के सम्मानीय बुजुर्गों द्वारा
धिक्कारे जाते हैं
खुद की नजरों में भी गिर रहे हैं
समय की मार झेलते हैं
भविष्य में अपने बच्चों के हाथों
दुत्कारे जाते हैं
इस समस्या का समाधान क्या है
समाज का उत्थान करना आखिर
किसका दायित्व है
आधुनिकता व भौतिकतावाद की
अंधी दौड़ में
संस्कारों का पतन अवश्य ही
शर्मनाक है
अच्छे विचारों को किसी भी स्रोत से
ग्रहण करें
खुद में संस्कारों का हनन होने से
बचाना
उन्हें निरंतर संचित करते रहना
किसी व्यक्ति विशेष के ही
हाथ में है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001