समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
गज़ल
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
जो सच थे सभी से छिपाए गए हैं।
बुझे जो दिए थे कहा उनको चंदा,
जो सूरज थे जुगनू बताए गए हैं।
नहीं हम लगा पाए इंसा’न को दिल से,
गले चांद सूरज लगाए गए हैं।।
यहां कुछ समय को ही रुकना है मुमकिन,
ये दुनियां है यारों जो आए गए हैं।
न महलों पे धोखे से पड़ जाए साया,
ग़रीबों के घर भी हटाए गए हैं।
हकीकत कोई भी न समझे तभी तो,
ये दीवार ओ दर सब रॅंगाए गए हैं।
ये दुनियां बने इस धरा पर ही जन्नत,
तभी प्यार – प्रेमी बनाए गए हैं।
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी