“समर्पित हिंदी दिवस”
‘सिर्फ एक ही दिन हिंदी दिवस मनाते हैं
फिर साल भर लोग अंग्रेज़ी गुनगुनाते हैं’
कोशिश करें हम अमर रहे राजभाषा
सबके मन में हो एक ही अभिलाषा
भाषाओं में भाषा हिंदी ही प्रेममयी भाषा
आपस में बढ़ाए मेलजोल पूर्ण हो आशा
हम हिंद देश के निवासी रखें हिंदी का मान
संविधान में लागू हो हर जगह बढ़ाएं सम्मान
भारत में जन-जन तक पहुंचाना है हिंदी
यही तो है मातृभूमि के माथे की बिंदी
हिंदी है तो वतन है यही तो हमारा जतन है
मातृभाषा से ही उन्नति करना चिंतन-मनन है
हे वीर सैनिकों बढ़ाओ कदम अपनी डगर
तुम्हें देश की आन-बान-शान को बनाए रखते हुए तय करना है अपना सफर
जय हिंद की हिंदी जीवित रहेगी सदा तेरी बिंदी
चाहे कोई धर्म हो हमारा पर भारतवासियों की मातृभाषा है सर्वप्रथम हिंदी
आरती अयाचित
भोपाल
स्वरचित एवं मौलिक