समर्पण
समर्पण
मैं समर्पित रहूँ उस माँ पर,
जिसनें मुझे जन्म दिया।
मैं समर्पित रहूँ उस पिता पर,
जिसनें मुझे पालन किया।
मैं समर्पित रहूँ उन गुरु पर,
जिसनें मुझे शिक्षा दिया।
मैं समर्पित रहूँ उन सैनिकों पर,
जिसनें देश की रक्षा किया।
मैं समर्पित रहूँ उन नेता पर,
जिसनें देश का विकास किया।
मैं समर्पित रहूँ आध्यात्मिक गुरु पर,
जिसनें चंचल मन को स्थिर किया।
मैं समर्पित रहूँ मेरे हमसफ़र पर,
जिसनें हर सुख दुख में साथ दिया।
मैं समर्पित रहूँ मेरे अनुज भाई पर,
जिसनें मुझे अपार स्नेह देते है।
मैं समर्पित रहूँ मेरी बेटी पर,
जिसनें हर मेरे कदम पर चलती हैं।
मैं समर्पित रहूँ मेरे शुभचिंतकों पर,
जिसनें मुझे हर वक्त उत्साह देते हैं।
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रचनाकार – डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पिपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822