समरथ को नही दोष गोसाई
कहावत मशहूर है समरथ को नही दोष गोसाई अकबर और बीरबल के जमाने मे लहर गिनने वाला कितना शक्तिशाली हो सकता है अक्सर लोग कहानियां सुनाते है ।
यह सच्चाई भी है कि अपने कद पद पर छोटे से छोटा व्यक्ति भी बहुत ताकतवर होता है कभी कभार बलिया के जिलाधिकारी एव तेज तर्रार प्रशासनिक अधिकारी महमूद बट का भी जिक्र कर देते है ।
बलिया में भयंकर बाढ़ आई थी तत्कालीन भारत कि प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी जी बलिया जनपद में आई बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण करना चाहती थी महमूद बट जी ने हालात का हबाला देकर इंदिरा जी का हेलीकॉप्टर उतरने ही नही दिया ऐसे अनेक उदाहण देखने सुनने को मिल जाएंगे ।
बहुत दिनों पूर्व एक अखबार में एक बहुत छोटी खबर छपी थी जिसका शीर्षक ही था समरथ को नही दोष गोसाई मजरा था कानपुर के तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक कि कार को रेलवे के गेट मैन द्वारा घण्टो इंजन संटिंग के नाम पर तेज गर्मी की चिलचिलाती धूप में खड़ी कर देने का उपमहानिरीक्षक महोदय के कार्यालय और आवास के बीच एक ही रास्ता था जिस पर वह रेलवे क्रॉसिंग था उस समय प्रशासनिक एव पुलिस अधिकारियों को अम्बेसडर कार मिलती थी जो वातानुकूलित नही होती थी घण्टो धूप में परेशान उपमहानिरीक्षक महोदय आजिज आकर जब रेलवे गेट पर तैनात गेट मैन से बात किया तब उन्हें पता चला कि रेलवे गेट पर तैनात गेट मैन के परिजनो को पुलिस वालों ने बहुत परेशान किया है वह उपमहानिरीक्षक महोदय से बोला महोदय पुलिस वर्दी में अपने हलके में पावरफुल है तो हम अपने गेट पर ही सही उपमहानिरीक्षक महोदय को सच्चाई का एहसास हुआ और वह उन पुलिस कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया ।
वैसे भी उच्च अधिकारी सन्तुलित एव समझदार होते है तब गेट मैन ने रेलवे फाटक खोला और उपमहानिरीक्षक महोदय अपने कार्यालय पहुंचे।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांबर गोरखपुर उतर प्रदेश।।