समय
मैं हर पल चलता रहता हूं,
फिर भी किसी के साथ नहीं हूं।
मैं सबका भाग्य बदलता हूं
फिर भी किसी का सगा नहीं हूं।
मैं हर घटना का साक्षी हूं
फिर भी कहीं पर साक्ष्य नहीं हूं।
नव जीवन को बढ़ते-घटते देख
फिर भी मैं अवसाद नहीं हूं।
मैं हर घाव को भर सकता हूं।
फिर भी कोई मलहम नहीं हूं,
मैं अनगिनत सबक सिखाता हूं
फिर भी किसी का शिक्षक नहीं हूं।
मैं सबसे बलवान हूं,
फिर भी हथियार -लैस नहीं हूं।
हाँ मैं समय हूं ,
सबको अपनी कीमत समझाता हूं
जो मुझे व्यर्थ करते हैं,
मैं उन्हें व्यर्थ करता हूं।