दोहे : दोहे समय पर
समय समझ अनुकूल से, जीवन में आनंद।
मधुर मनोहर ज्यों करे, कविता को हर छंद।।
बड़ा समय से गुरु नहीं, तभी समय बलवान।
चलो समय के संग तुम, लेकर मन में आन।।
समय करे राजा कभी, समय बनाए रंक।
भाग्य कर्म बैठे हुए, मनुज समय के अंक।।
दंभ कभी मत कीजिये, रखिये सबसे मेल।
अनुपम जीवन का बने, मनुज तभी हर खेल।।
समय किसी का साथ दे, जीते वह हर जंग।
जीवन ओज उमंग से, करे सभी का संग।।
#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित दोहे