समय
समय है जनाब
बदलता है
बदलना भी चाहिए
प्रगतिशील समाज है !
तेरी क़मीज़ मेरी क़मीज़ से क्यों
ज़्यादा सफ़ेद , कल की बात है ।
तेरी क़मीज़ मेरी कमीज से क्यों
ज़्यादा काली , आज का मसौदा है !
प्रजातंत्र का सायरन समय से बजता है
घर में नही , देश में , परदेश तक
सुनाई पड़ता है, वोट पड़ता है,
मत जनता नही, कुबेर का रिमोट चला देता है ।
जनता ख़ुश , देश ख़ुशहाल ,नम्बर का गेम है,
मुफ़्त रासन , और सामान्य ज्ञान झोला पर,
शिक्षा को अब शिक्षक की क्या जरुरत
एक वोट गुणन भाग कर दो, सब पाओ ।
ज्ञान विज्ञान आउटसोर्सिग से चला लेंगे,
जरुरत भी नही, खिलौना भी आउटसोर्सड है
हमारी बड़ी चिन्ता बदली है, बाहर मित्र ही मित्र है
अन्दर मित्रों का अकाल है, समय बदला है !
नरेन्द्र