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1 Sep 2021 · 1 min read

समय

समय शासन ,प्रशासन, दुशासन है
पांव की बेड़ियां तो कभीआसनहै।

विनाशकारी,गर्तो से भरा महासागर है,
सीमित जल में छलकता हुआ गागर है।

घनघोर वर्षा पानी से भरा मैदान है
चिलचिलाती धूप रेत से भरा रेगिस्तान है।

आंखें पल में सावन- भादो हो जातें हैं
जानें फिर कैसे होंठ कहकहे लगाते हैं।

ग़म का अंधेरा तो सुबह का सितारा है
सुनामी है तो शांत समुद्र का किनारा है।

बेफिक्र जवानी तो खिलखिलाता बचपन है,
जिम्मेदारियों के बोझ तले उम्र पचपन है।

नाव गाड़ी पर तो कभी गाड़ी नाव पर
मरहम तो कभी नमक लग जाते घाव पर।

समय को समय से समझना आसान नहीं,
अगर समझ गये जीवन में कोई व्यवधान नहीं।

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 698 Views

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