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22 Jun 2021 · 1 min read

** समय **

*** ** ** ***
पल-पल मैं समय को
यूं ही बिताता गया
आज समय है
कल भी आएगा।

अभी जिंदगी बाकी है
ये ही सोच रही
एक दिन
सब कुछ लूट जाएगा।

ना जाने वह कौन घड़ी होगी
जब समय की कदर होगी।
मौत आई और चली गई
वक्त की सुई
फिर भी यूं ही चलती गई।

ना कल थमी थी
ना आज थमेगी।
यह वक्त है
कि थमता नहीं
के मेरी हर सोच बदल जाएगी।

आज हंसी है
कल खुशी ना होगी।
आज गम है
कल गम की परछाई ना होगी।

छूटी थी जो खुशी
अब तेज दौड़ लगाने से भी ना मिलेगी।

सोच है ये
इस वक्त के सार में ना बांध पाओगे।
खुद जाओगे
समय को ना लोटा पाओगे।…
** ** ** **
swami ganganiya
Budhsaini

Language: Hindi
309 Views
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