समय सही पुराना है
** समय सही पुराना है **
*********************
बदल गया भई ज़माना है,
समय सही वही पुराना है।
बदल गए सभी रिश्ते-नाते,
बिखर गया बड़ा घराना है।
परत गया जुबां से अपनी,
नया – नया बना बहाना है।
घड़ा भरा हुआ गुनाहों से,
पुण्य सदा यहाँ कमाना है।
बहुत बुरा है यार मनसीरत,
कहीं नहीं कभी ठिकाना हैं।
*********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)