समय महान
१. किसे सुनाऊॅ कौन सुनेगा,
इस मौसम में मेरे मन की बात प्रिये |
सभी मूक हैं, पर दर्द एक सा,
सबके अपने-अपने झंझावात प्रिये ||
२. खुदा की खुदी पर करले भरोसा,
उसकी रहमत का ऐसा आगाज होगा |
दुश्मन जो बन करके हैं आज बैठे,
ख़िदमत में उन्ही का पहला अल्फ़ाज होगा ||
पं. कृष्ण कुमार शर्मा “सुमित”