Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2019 · 1 min read

समय-प्रबंधन #100 शब्दों की कहानी#

मेरे चाचाजी का टुरिंग जॉब होने के कारण व्यस्तता के चलते वे न घर की तरफ ध्यान दे पाते, न ही चाची और तीन बेटियों की परवरिश पर । चाची भी नौकरी पेशा थीं, पर इस स्थिति में बार-बार शिफ्टिंग और आना-जाना मुमकिन नहीं था । समय-प्रबंधन की प्राथमिकता को समझते हुए आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़ने के फैसले के साथ ही बेटियों के साथ एक ही स्थान पर रहने का निर्णय लिया ।

आज तीनों बेटियां अपनी शिक्षा पूर्ण करके इंजीनियर बन गई, यह एक मां के ही सही-समय पर लिये उचित निर्णय का सफल परिणाम है ।

Language: Hindi
3 Likes · 299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
जब भी किसी कार्य को पूर्ण समर्पण के साथ करने के बाद भी असफलत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
Trishika S Dhara
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
लक्ष्य
लक्ष्य
Suraj Mehra
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
एक उम्र
एक उम्र
Rajeev Dutta
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
पूर्वार्थ
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
तृष्णा के अम्बर यहाँ,
sushil sarna
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
#संस्मरण
#संस्मरण
*Author प्रणय प्रभात*
One day you will leave me alone.
One day you will leave me alone.
Sakshi Tripathi
...........,,
...........,,
शेखर सिंह
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लखनऊ शहर
लखनऊ शहर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हम
हम
Ankit Kumar
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी का सफ़र
Dr fauzia Naseem shad
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"किताबों में उतारो"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
तुम्हें पाने के लिए
तुम्हें पाने के लिए
Surinder blackpen
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अति मंद मंद , शीतल बयार।
अति मंद मंद , शीतल बयार।
Kuldeep mishra (KD)
Loading...