समय/काल
लौट कर आता नहीं है काल।
ये नहीं ठहरा न बदली चाल।
वक्त होता है बड़ा बलवान,
खींच लेता ये सभी की खाल।
घूमता है चक्र करता न्याय,
कर्म के अनुसार होता हाल।
जो चला हरदम समय के साथ,
वो कभी होता नहीं बेहाल।
हो अगर मुश्किल समय का फेर,
धैर्य साहस से उसे तू टाल।
वक्त को करना नहीं बर्बाद,
गल सकेगी तब तुम्हारी दाल।
जो रहा है वक्त के पाबंद,
वो जिया है ज़िन्दगी खुशहाल।
ज़िन्दगी चलती समय के हाथ,
है कभी खुशियाँ गमों का ताल।
ऐ मनुज बनना नहीं नादान,
नित समय के साथ खुद को ढ़ाल।
-लक्ष्मी सिंह