समझो वही सफल हो गया
जो भी लक्ष्य में खो गया
समझो वही सफल हो गया
जो मिल गया खा लिये
सादगी से निभा लिये
जीते हैं अगर अभाव में
बने रहें अपने स्वभाव में
समय का बीज बो गया
समझो वही सफल हो गया
सुविधाओं का फिक्र नहीं
मुश्किलों का जिक्र नहीं
अंधेरे में भी उजालें दिखेंगे
छोटे-छोटे नदी नाले दिखेंगे
विलासिता जीवन से धो गया
समझो वही सफल हो गया
ज़मीं कागज़ बन सकती है
लकड़ी कलम बन सकती है
हालात का क्योंकर रोना है
अरूणिमा पर्वतारोही बन सकती है
बाधा को पानी में डुबो गया
समझो वही सफल हो गया
नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला -कुशीनगर