Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

समझों! , समय बदल रहा है;

समझों! , समय बदल रहा है;
समझों, ये युग बदल रहा है।

जब बांध स्वयं पानी पी जाये
जब वृक्ष स्वयं फल को खाये
जब धेनु स्वंय का दुग्ध स्वतः ही
परोपकार हीन हो पी जाये
समझों! , समय बदल रहा है;
समझों, ये युग बदल रहा है।

जब मानव स्वार्थ परत हो,
संवेदना हीन हो जाये
जब राजा चापलूसों के हित में
संगृहित राजकोष लुटाए
समझों! , समय बदल रहा है;
समझों, ये युग बदल रहा है।

जब सरकारें निर्धन जनता पर
उत्पीड़न, अत्याचार जमाये
निरंकुश को जन के धन से
मौज-मस्ती ‘कर’ उड़ाये
समझों! देश बदल रहा है
समझों, भेष बदल रहा है।

Language: Hindi
1 Like · 21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
* प्रीति का भाव *
* प्रीति का भाव *
surenderpal vaidya
आप आज शासक हैं
आप आज शासक हैं
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
आदमी बेकार होता जा रहा है
आदमी बेकार होता जा रहा है
हरवंश हृदय
पास आना तो बहाना था
पास आना तो बहाना था
भरत कुमार सोलंकी
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
'अशांत' शेखर
बातें नहीं, काम बड़े करिए, क्योंकि लोग सुनते कम और देखते ज्य
बातें नहीं, काम बड़े करिए, क्योंकि लोग सुनते कम और देखते ज्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
हर क़दम पर सराब है सचमुच
हर क़दम पर सराब है सचमुच
Sarfaraz Ahmed Aasee
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"साहस का पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
विदाई
विदाई
Aman Sinha
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
■दूसरा पहलू■
■दूसरा पहलू■
*प्रणय प्रभात*
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
वाल्मिकी का अन्याय
वाल्मिकी का अन्याय
Manju Singh
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
जीवन की बेल पर, सभी फल मीठे नहीं होते
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )
Kshma Urmila
Loading...