समझे ना कुछ अफलातून
समझे ना कुछ अफलातून
जनहित में थे कृषि कानून
पूरे साल किया हंगामा
मक़सद था हुड़दंग मचाना
आन्दोलन में तपता जून
अक्ल सभी की पड़ती मन्द
रेल कभी तो भारत बन्द
जलते दिल्ली-देहरादून
गाली की भरमार रही
ताली की बौछार रही
खूब सभी का खौला खून
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