समझते क्या लड़कियों को
लड़का लड़की समान होती बात,
विवाह उम्र समान तो क्यों बात?
वर्ग विशेष मे हल्ला क्यों मचा?
आवारा कहने वालों को सजा।
लडकियों को ऐसा कहनेवाले
लोग समझते मुंह के निवाले।
जन्मलेते बचपन तय रिश्ते होते,
विरोध हुआआर्यसमाज के होते।
उन्नीससौ उन्तीस एक्ट शारदा,
चौदह वर्ष उम्र तय हुई सर्वदा।
उन्नीससौ अठहत्तर अट्ठारह हो गई,
मृत्यु कुपोषण तज लाभान्वित हुई।
परिवारनियोजन अपना के सक्षम हुई,
जनसंख्यानियतंत्रण कुछ कारगर हुई।
उम्र बढ़ाने के पीछे तर्क सही है,
अच्छास्वास्थ्य आत्मनिर्भरता यही है
बराबरी के मौके दोनो को समान हों,
समानाधिकार संविधान मे, मान्य हों।
दुनियां को रास्ता दिखाता भारत,
नही पीछे जिन्हे हासिल महारत।
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297