समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
नफरत की बीज बोई है प्यारा कौन बनता है।
तपन दुख की पडी सिर पर फुहारा कौन बनता है।
बडी हसरत से पाला है बच्चो को जवानी मे
बूढ़े मां बाप का सहारा कौन बनता है।।
‘विन्ध्य प्रकाश मिश्र’