सभी रहें या खुदा सलामत
गज़ल
अगर न कोई हो इस जहाँ में, तो इस जहाँ का वो क्या करेंगे!
सभी रहें या खुदा सलामत, यही तो हम बस दुआ करेंगे!
ये तू ही जाने ये क्या वबा है, न आज इंसा के बस में है ये,
तेरा करम गर हो जाए हम पर, तेरा ही सुमिरन किया करेंगे!
खिले हमेशा ही फूल यारो, खिज़ा के जाने के बाद तय है,
न गम करो कुछ दिनों का तूफां, के बाद इसके मज़ा करेंगे!
ये जिंदगी है खुदा की नेमत, संभाल कर रखिए इसको यारो,
ये खो गई जो न फिर मिलेगी, रहे सलामत दुआ करेंगे!
तुम्हारे ‘प्रेमी’ रहें खुशी से, दया के सागर ये ध्यान रखना,
करम प्रभू जो रहे तुम्हारा, के फूल जैसे खिला करेंगे!
…..✍ सत्य कुमार प्रेमी