जय हिन्द वन्दे मातरम
कोई भी पन्थ हो अपना कोई भी हो धरम
सभी मिलकर कहो जयहिन्द वन्देमातरम
हमारे देश ने दी है हमें ये ज़िन्दगी
हमारे देश से हमको मिली है हर खुशी
हमारे देश के हम पर हजारों हैं करम
सभी मिलकर कहो जयहिन्द वन्देमातरम
कोई भी पन्थ हो अपना…………
लगाकर भाल पर मिट्टी वतन को मान दें
ज़रूरत हो तो इसके वास्ते हम जान दें
क़सम खायें न होने देंगे इसकी शान कम
सभी मिलकर कहो जयहिन्द वन्दे मातरम
कोई भी पन्थ हो अपना ……………….
शिवकुमार बिलगरामी