“सभी के सभी शातिर इंसान हैं ll
“सभी के सभी शातिर इंसान हैं ll
झूठ बोलने में माहिर इंसान हैं ll
अपनी फितरत से बाज कहां आएंगे,
इंसान तो आखिर इंसान हैं ll
सच्चाई का गला घोंट रहे हैं,
झूठ के दुश्मन काफ़िर इंसान हैं ll
दिमाग से जानवर बन चुके हैं,
बेशक दिल की खातिर इंसान हैं ll
जिस सफर में मृत्यु मंजिलें हैं,
उस सफर के मुसाफिर इंसान हैं ll”