सभी के दिल में रहता है
किसी मंदिर या मस्जिद में कभी ईश्वर नहीं मिलता
सभी के दिल में रहता है कभी बाहर नहीं मिलता
नदी तुम हो वो सागर है बताओ अब जरा मुझको
नदी है कौन सी जग में जिसे सागर नहीं मिलता
हँसी अनमोल नेअमत है खुदा की दोस्तों जग में
खुदा से दूर हो जाता है जो हंसकर नहीं मिलता
अगर है चाह अंबर की सितारा बन के चमको तुम
बनें जो राह के कंकड़ उन्हें अंबर नहीं मिलता
सही क्या है गलत क्या है तजुर्बा ही सिखाएगा
ये ऐसा ज्ञान है जो कि कभी पढ़कर नहीं मिलता
निछावर कर दिया खुद को जमाने के लिए जिसने
वो बाहर ही भटकता है कभी घर पर नहीं मिलता
कि जी है जिंदगी जिसने हमेशा अपनी शर्तों पर
जमाने की रवायत से कभी डरकर नहीं मिलता