*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)
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1)
सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता
किया जो कर्म लेकिन वह, नहीं बेकार है जाता
2)
कभी अच्छाइयों के भी, हमें कम अंक मिलते हैं
जमाना यह कभी दोषी, अकारण हमको ठहराता
3)
समय को हाथ में रखकर, सॅंभल कर दो कदम चलना
समय जो हाथ से फिसला, जीवन-भर है तड़पाता
4)
न आया हाथ में पद-भार, गलती है हमारी ही
निभाया चाटुकारी से, नहीं हमने कभी नाता
5)
जो रोए तो नहीं कोई, तुम्हारी ओर देखेगा
जमाना चाहता उसको, जो हॅंसता और मुस्काता
6
हमें मालूम है जग में, हमें है सौ बरस जीना
मगर रखते हैं हर पल हम, सही अपना बहीखाता
7)
न हम में बुद्धि है ज्यादा, न हम में होशियारी है
कृपा है सब विधाता की, हमें जो रोज अपनाता
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451