सभी अच्छे।
सभी अच्छे।
-आचार्य रामानंद मंडल।
कोई बुरा नहीं होता।
कभी गांधी अच्छे थे।
आज गोडसे अच्छे लगने लगे।
कभी राम अच्छे थे।
आज रावण अच्छे लगने लगे।
कभी दूर्गा अच्छी थी।
आज महिषासुर अच्छे लगने लगे।
कभी अपने अच्छे थे।
आज बेगाने अच्छे लगने लगे।
कभी कुछ अच्छे थे।
रामा आज सभी अच्छे लगने लगे।
@आचार्य रामानंद मंडल सीतामढ़ी।