सब मिल कर इनको नमन करो
जो राष्ट्रधर्म पालक थे उनका हम अभिवादन कर लें
इतिहास के पन्ने खोल हम उनको आज नमन कर लें
नमन करें हम आओ तुलसी सूर कबीर की वाणी को
पृथ्वीराज की जन्मदायिनी उस कमला क्षत्राणी को
नमन हमारा वीर शिवा को नमन है जीजाबाई को
स्वामिभक्त कुलदीपक दानी नमन है पन्नाधाय को
नमन हमारा मेवाड़ मुकुट मणि राणा की ललकार को है
जो लड़ते लड़ते टूट गई उस टीपू की तलवार को है
अंग्रेजों से लोहा लेते नमन है हर स्वाभिमानी को
जो खूब लड़ी सन सत्तावन में नमन है झांसी रानी को
जो दो गज का शैदाई था उस बहादुर शाह जफर को है
मरते दम तक आजाद रहा जो नमन उस चंद्रशेखर को है
नमन करो सुखदेव राजगुरू भगत सिंह बलिदानी को
आजादी का मोल बने जो ऐसे हर हिन्दुस्तानी को
नमन हमारा उस विधवा को जिसकी मेंहदी ताज़ी है
नमन हमारा उस ममता को जो बेटा देने पर राजी है
नमन करूँ मैं उस राखी को सीमा पर जिसका भाई है
नई नवेली उस दुल्हन को जिसने माँग सजाई है
नमन हमारा उस बचपन को जो पिता को देख न पाया है
वो पूजे जाने योग्य बुढ़ापा जिसने सर्वस्व गँवाया है
भारत माँ की रक्षा में तत्पर हर जवान नमन स्वीकार करे
भूखा नंगा अन्न प्रदाता हर किसान नमन स्वीकार करे
अपना खून पसीना देने वाले मजदूर नमन के लायक हैं
सब मिल कर इनको नमन करो ये लोकतंत्र के नायक हैं