*सब मारे*
कुछ फर्ज के मारे है,,,
कुछ कर्ज के मारे है,,,,
वो नसीब बाला है,,,
जिसे मिल चुके वो,,,,
बाकी तो बस लवमर्ज के मारे है,,,,
नजर उनकी जिसपे,,
पड़ी वो नूर हो चुका है,,,
और जमाने बहुत फालतू कुँवारे है,,,
हम नजरें करम उनके हुये,,,
यहसास ही बस उनके छुये,,,,
दूर से ही हमारे बारे न्यारे है,,,,
साथ चल जाये,,,
तो जल जाये दुनिया,,,
हम भी कह देंगे वो हुए हमारे है,,,,
दर्द गम सब खत्म जबसे वो सहारे है,,
जख्म दिल के भर गये वो प्यारे है,,,,
मानक लाल मनु