सब बढ़िया है
लड़ाई झगड़े को हमको कुचलना है
दुनिया को पीछे छोड़ आगे निकलना है
थोड़ा तो चलना है थोड़ा संभलना है
दूसरो से नहीं अब खुदसे ही जलना है
तू डर मत कि दुनिया क्या कहेगी
जरा कामयाबी की सोच
वही तेरे साथ रहेगी
हर ग़म संग तेरे ख़ुशी ख़ुशी सहेगी
मेरी बातें तो केवल एक जरिया है
नीचे तो मुसीबतों का ही दरिया है
तू विश्वास तो करके देख
तुझे भी लगेगा की हाँ अब सब बढ़िया है
अगर सर के ऊपर से गया है
तेरे अंदर जो थोड़ी सी दया है
तो भूल जा की ऊपर क्या लिखा है
बस ये मानके चल
की तेरा भाई भी तो नया है ….
BY UTKARSH RUPESH GUPTA
LIKE COMMENT AND SHARE