Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2018 · 1 min read

“सब बिकते देखा हमने “

“कुछ रंग बिरंगे टुकड़ों में लोगों के ईमान बिके,
आन बिके,सम्मान बिके,कलम बिकी स्वाभिमान बिके,
मुहँ खोला सच कहने को तब दीवारों के कान बिके,
नग्न घूमने को हैं कुछ बेबस, कुछ मुर्दों के परिधान बिके,कब तक चोरों का दोष कहें,जब घर के ही दरवान बिके,पशुओं की कीमत तो लगती थी,अब पैसों पर इंसान बिके,कहीं जल बिकता कहीं पवन बिका,कहीं धरा कहीं गगन बिका,सूरज की भी गर्मी बिक गयी,कुछ आधुनिक बंद मशीनों में, कावा काशी में उलझ गये हम कुछ उलझें हैं पाख महीनों में,धर्म के बाज़ारों में देखा अल्लाह,ईश्वर,भगवान बिके,
कई बार ज़रूरतों की खातिर लोगों के अरमान बिके,
विश्वास रहा ना अपनों पर भी,रिश्तों की मर्यादा और मान बिके,सामानों से सस्ती कीमत में अब लोगों के जान बिके “

Language: Hindi
423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माँ सरस्वती-वंदना
माँ सरस्वती-वंदना
Kanchan Khanna
लोकतंत्र
लोकतंत्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
.........,
.........,
शेखर सिंह
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
कभी सब तुम्हें प्यार जतायेंगे हम नहीं
gurudeenverma198
आलिंगन शहद से भी अधिक मधुर और चुंबन चाय से भी ज्यादा मीठा हो
आलिंगन शहद से भी अधिक मधुर और चुंबन चाय से भी ज्यादा मीठा हो
Aman Kumar Holy
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
सीने का समंदर, अब क्या बताऊ तुम्हें
The_dk_poetry
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
sushil sarna
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
2476.पूर्णिका
2476.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
Kr. Praval Pratap Singh Rana
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
💐अज्ञात के प्रति-149💐
💐अज्ञात के प्रति-149💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
84कोसीय नैमिष परिक्रमा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"चैन से इस दौर में बस वो जिए।
*Author प्रणय प्रभात*
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
शिव हैं शोभायमान
शिव हैं शोभायमान
surenderpal vaidya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"लाठी"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*हो न हो कारण भले, पर मुस्कुराना चाहिए 【मुक्तक 】*
*हो न हो कारण भले, पर मुस्कुराना चाहिए 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
वो स्पर्श
वो स्पर्श
Kavita Chouhan
महाराष्ट्र की राजनीति
महाराष्ट्र की राजनीति
Anand Kumar
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
माना नारी अंततः नारी ही होती है..... +रमेशराज
कवि रमेशराज
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
Neelam Sharma
Loading...