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13 Sep 2024 · 1 min read

सब कुछ तोड़ देना बहुत ही आसान होता है। ♥️

सब कुछ तोड़ देना बहुत ही आसान होता है। ♥️
घर, खिलौने, रिश्ते, दोस्ती, भरोसा सब कुछ एक झटके में तोड़ा जा सकता है। सालों की मेहनत से बनी सब चीजें तोड़ने में कुछ मिनट लगते हैं।

टूटी हुई चीजों की खाली जगह भरने में फिर से सालों की मेहनत लगती है। शायद सब कुछ पहले जितना ख़ूबसूरत बन भी नही पाए और अगर बन भी गया तो हर टूटी चीज़ मन पर जो हल्की सी खरोंच छोड़ जाती है वो दुनिया की कोई भी खूबसूरती न भर पाएगी। फिर हम जीवन भर उलझे रहेंगें उन खाली जगहों को भरने के लिए जोड़-तोड़ के खेल में।

इसलिए जब, जहाँ, जैसे, जितना, जो कुछ भी मिल रहा है उसकी कद्र कीजिये।
संभालिए, सहेजिये, समेट लीजिये बिखरते, टूटते, उजड़ते, घरों को, दोस्ती को, प्रेम को, भरोसे को।
बिना आखिरी कोशिश किये, ऐसे ही मत जाने दीजिए किसी को भी क्यूंकि गए हुए लोग/रिश्ते/प्रेम/भरोसा लौट कर नहीं आते और अगर आ भी गए तो उनका वापस आना और सब पहले जैसा हो जाना एक सुंदर सपने से ज्यादा कुछ नही है।

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