!! सब की मांग बेटा, बेटी क्यूं नहीं ? !!
बेटी पैदा होते ही,
कुछ प्राणियों को सांप सूंघ जाता है
बेटा पैदा होते ही
ढोल नगाड़ों से घर गूँज जाता है..
क्या ढोल नहीं बज सकता
जब बेटी पैदा होती है
या इतना दर्द मिल जाता है
कि बुद्धि भी भ्रष्ट हो जाती है ..
सोच इतनी संकीर्ण रखे हैं लोग
पता नहीं क्यूं ऐसा करते हैं लोग
बेटी जैसा कोई नहीं जग में
बेटा तो अपनी मौज में रहता है ..
बेटी करती है चिंता सब की
बेटा चैन से बस सोता है
सच्चा दुःख अगर है तो बेटी को
उस से ज्यादा दुखी कोई नहीं होता है..
आने दो उस को दुनिया में
न रोकना कभी भी जग वालो
जितना दर्द वो सहती है.
कोई नहीं सह सकता इस दुनिया में..
बेटा ही आएगा तो उस की बहु
किस दुनिया से खोज कर लाओगे
मारोगे सर अपना दीवारों में
अगर भ्रूण हत्या से कन्या को मिटाओगे..
अजीत कुमार तलवार
मेरठ