सब की दिवाली….
न ये तेरी न ये मेरी
ये सब की दिवाली है
ये अंधकार पर
प्रकाश के पर्व वाली है
यह सबके साथ मिलकर
बनाने वाली है
अंधेरा है जिस गरीब के घर मे
उसके आंगन मे दीप जला पाये
तो ही असल दिवाली है
लौटे थे प्रभु श्री राम वनवास काट
ये वो खुशियों वाली है
दूर हैं जो अपने गाँव कस्बों से
उनके वापस लौट आने वाली है
प्यार पाने और लुटाने वाली है
यही तो दिल वालों की दिवाली है
हर गली हर चौराहे पर दीप जलाएं
इस दिवाली खुशियों की बयार चलाएं
हर मन पावन और प्रसन्न हो सबके लिए
यह दिवाली सुख समृद्धि से सम्पन्न हो………..
#निखिल_कुमार_अंजान……