सब का अपना ताना बाना है
सब का अपना ताना बाना है,
सब का अपना ठउर ठिकाना है,
सब के अपने साथी अपना मजमा है,
सब का अपना ख़ाब अपना सपना है।
(अवनीश कुमार)
अच्छे बुरे की पहचान कहा है,
दिल तो है पर दिमाग कहा है,
कस्ती कब तक नदी किनारे रहती,
जानते सब है ,अंजान कहा है। (अवनीश कुमार)