*सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)*
सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान (गीत)
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सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान
1
बड़े नोट पर संकट आता, छोटा बच-बच रहता
बारहमासी नोट जगत में, सौ को ही जग कहता
बंद हुए सब नोट बड़े हैं, सौ का सुख की खान
2
रिक्शा से जाओ तो सौ का, तुरत नोट तुड़ जाता
रखो जेब में बीस अगर तो, दो हजार कहलाता
महल-झोंपड़ी दोनों में यह, मिलता एक समान
3
आनंदित घर जिसमें केवल, सौ के छोटे-वाले
सौ वालों को नहीं डालने पड़ते घर में ताले
दो हजार का नोट रो रहा, सौ के चिर-मुस्कान
सबसे मस्त नोट सौ वाला, चिंता से अनजान
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451