सबसे परम सत्य रिश्ता, बस मैया ll
फतेह की बात सुन लो बहन भैया l
सबसे परम सत्य रिश्ता, बस मैया ll
वही सुखी रहता इस जग में, भैया l
जिस मन बसे परमात्मा, बसे मैया ll
भटकना मटकना पाना रुपैया l
न दे सके, माँ की ममता रुपैया ll
हिचकोले सहज सहे, जीवन नैया l
जब पतवार जो तेरे हाथ, मैया ll
स्वर्ग कहाँ कैसा क्या, किसे है पता l
स्वर्ग तो तेरी गोद में, है मैया ll
न है प्यास में हिम्मत, जो तडपाये l
प्यास जो पड़ा, इन चरणों में मैया ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न