“सबक गीता से कुछ लेकर , सजाता जिंदगी अपनी “
*************************************
बहुत मैला हुआ है मन , जहर दिल में भरा है क्यूँ ।
तुम्हारें पाप सर चढ़कर , बुलाते हैं डरा है क्यूँ ।
सबक गीता से कुछ लेकर , सजाता जिंदगी अपनी ,
धरा पर बोझ बन लेकिन , तु जीते जी मरा है क्यूँ ।
**************************************
वीर पटेल